क्या कहती ही अरुन्धती रॉय की किताब "आहत देश" (Walking with Comrades) आदिवासियों के बारे में
- Rahul
- Sep 18, 2020
- 2 min read
Updated: Aug 28, 2021
अरुन्धती रॉय
आहत देश ( Walking with Comrades ) Arundhati Roy

"वह जंगल जो दंडकारण्य के नाम से जाना जाता था और जो पश्चिम बंगाल, झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ से लेकर आन्ध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों से समेटता हुआ महाराष्ट्र तक फैला है, लाखों आदिवासियों का घर है। मीडिया ने इसे 'लाल गलियारा' या 'माओवादी गलियारा' कहना शुरू कर दिया है। लेकिन इसे उतने ही सटीक ढंग से 'अनुबन्ध गलियारा' कहा जा सकता है । इससे रत्ती भर फर्क नहीं पड़ता कि संविधान की पांचवी अनुसूची में आदीवासी लोगों के संरक्षण का प्रावधान है और उनकी भूमि के अधिग्रहण पर पाबंदी लगाई गई है लगता यही है कि वह धारा वहाँ महज संविधान की शोभा बढ़ाने के लिए रखी गई है - थोड़ा-सा मिस्सी-गाज़ा, लिपस्टिक-काजल। अनगिनत निगम, छोटे अनजाने व्यापारी ही नहीं, दुनिया के दैत्याकार- से-दैत्याकार इस्पात और खनन निगम मित्तल, जिंदल, टाटा, एस्सार, पास्को, रिओ टिंटो, बीएचपी बलिटन और हाँ, वेदांत भी आदिवासियों के घर-बार को हड़पने की फिराक में हैं ।
हर पहाड़ी, हर नदी और हर जंगल के लिए समझौता हो गया है। हम अकल्पनीय स्तर पर व्यापक सामाजिक और पर्यावरणीय कायाकल्प की बात कर रहे हैं। और इसमें ज़्यादातर गुप्त है। मुझे .कतई नहीं लगता कि दुनिया के सबसे पुराने और दिव्य जंगल, परिवेश और आदिम समुदाय को नष्ट करने के लिए जो परियोजनाएं शुरू हुई है, उनकी चर्चा भी कोपेनहेगन में होने वाले 'जलवायु परिवर्तन सम्मेलन' में होगी। माओवादी हिंसा की भयावह कहानियां खोजने वाले (और न मिलने पर उन्हें गढ़ लेने वाले) .खबरिया चैनल लगता है किस्से के इस पक्ष में बिलकुल दिलचस्पी नहीं रखते । मुझे अचरज है, ऐसा क्यों"।
-अरुन्धती रॉय
अरुन्धती रॉय द्वारा लिखित यह पुस्तक "आहत देश" कुशाग्र विश्लेषण और रिपोर्टों के संयोजन द्वारा उभरती हुई वैश्विक महाशक्तियों के समय में प्रगति और विकास का परीक्षण करती है और आधुनिक सभ्यता को लेकर कुछ मूलभूत सवाल उठाती है। यह किताब "Walking with Comrades" का हिंदी संस्करण है। यहा किताब आपको बताती ही की छत्तीसगढ, झारखंड, उड़ीसा, आन्ध्र प्रदेश, जैसे आदिवासी इलाको में आदिवासियों का किस तरह शोषण किया जा रहा है। सरकार ने इन इलाको को नक्सली इलाका कहना शुरु कर दिया है।

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Book "God of small thing" by Arundhati Roy is amazing, she is my favourite author
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