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आदिवासी समाज ने सांसद गजेंद्र सिंह पटेल का पुतला दहन कर किया विरोध प्रदर्शशन


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9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस" का विरोध करने वाले खरगोन-बड़वानी लोकसभा सांसद गजेंद्र सिंह पटेल सहित अन्य भाजपा नेताओं का विरोध कर पुराना कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने सांसद गजेंद्र सिंह पटेल का पुतला दहन किया गया और महामहिम राष्ट्रपति एवं महामहिम राज्यपाल के नाम से ज्ञापन देकर इन नेताओं के ऊपर कार्रवाई करने की मांग की गई । आदिवासी छात्र संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रकाश बंडोड़ ने बताया कि खरगोन-बड़वानी के लोकसभा सांसद गजेंद्र सिंह पटेल, भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कलसिंह भाबर, देवास जिले के बागली विधानसभा के विधायक पहाड़सिंह कन्नौज, खंडवा जिले के पंधाना विधानसभा के विधायक राम दांगोरे तथा मध्य प्रदेश शासन के मुख्यमंत्री सचिवालय के उपसचिव लक्ष्मण सिंह मरकाम आदि द्वारा 9 अगस्त, 2021 "विश्व आदिवासी दिवस" को लेकर समाचार पत्रों, सोशल मीडिया एवं न्यूज़ चैनल आदि के माध्यम से भ्रामक, तथ्यहीन व मिथ्या जानकारी देकर आदिवासी समाज को गुमराह कर अपमानित करने का प्रयास किया है, जिससे मध्यप्रदेश के डेढ़ करोड़ आदिवासी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची है। गजेंद्रसिंह पटेल जी ने जो टिप्पणी कर कहा है कि विश्व आदिवासी दिवस को मनाने में विदेशी ताकतों का हाथ है, विदेशों से इन्हें फंडिंग होती है और विश्व आदिवासी दिवस को एक धर्म विशेष से जोड़ कर जो भ्रांतियां फैलाई है, उसकी हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं । अगर सांसद जी को लगता है कि विश्व आदिवासी दिवस को मनाने में विदेशी ताकतों का हाथ है, विदेशों से फंडिंग होती है तो हम उनसे कहना चाहते है कि जब प्रदेश और देश में आपकी पार्टी की सरकारें है, फिर इसकी जांच क्यों नहीं करवा लेते हों ? तथ्यहीन व मिथ्या जानकारी देकर समाज को भ्रमित करना बंद करों ? वर्ष 2018 में भी प्रदेश में आपकी पार्टी की सरकार थी और प्रदेश के मुखिया माननीय शिवराज सिंह चौहान जी 9 अगस्त, 2018 "विश्व आदिवासी दिवस" पर 15 से अधिक आदिवासी जिलों में अवकाश घोषित कर स्वयं धार जिले में आकर आदिवासी समाज के साथ विश्व आदिवासी दिवस में शरीक होकर प्रदेश के आदिवासी समाज को विश्व आदिवासी दिवस की बधाइयां व शुभकामनाएं दिए थें। और आप (गजेंद्र सिंह पटेल) भी उस समय बड़वानी जिलें में फुटबॉल ग्राउंड पर विश्व आदिवासी दिवस का सरकारी आयोजन कर आदिवासी युवाओं के साथ सांस्कृतिक नृत्य करते नजर आ रहे थे और विश्व आदिवासी दिवस की बधाइयां व शुभकामनाओं से भरे बड़े-बड़े फ्लेक्स बड़वानी के चौराहे-चौराहे पर लगे थे। और आज आप विश्व आदिवासी दिवस का विरोध कर रहे हों, यह दोगलापन आपकी ओछी मानसिकता को दर्शाता है।*

*संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा में 23 दिसंबर,1994 को पारित प्रस्ताव क्रमांक 46/214 के तहत 9 अगस्त को "विश्व आदिवासी दिवस" घोषित किया गया और पहला विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त, 1995 को मनाया गया। तब से भारत सहित दुनिया के सभी देशों द्वारा 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं। इसे मनाने के पीछे संयुक्त राष्ट्र संघ का उद्देश्य यह है कि दुनिया के आदिवासियों का पिछड़ापन, शोषण, उत्पीड़न एवं समग्र विकास में पीछे छूट जाने के कारणों को जानने तथा उसे दूर करने के क्या उपाय हो सकते हैं । प्रतिवर्ष 9 अगस्त के दिन दुनिया के तमाम देशों की सरकारें आदिवासियों की वर्तमान स्थिति को लेकर समीक्षा करें कि उनके प्राकृतिक एवं संवैधानिक अधिकार वास्तविक रूप से मिले हैं या नहीं । यदि नहीं मिले, तो उनको उनके हक-अधिकार दिलाऐं, साथ ही आदिवासी समाज के मानवीय अधिकारों का संरक्षण हों, उनके जल-जंगल- जमीन के अधिकार सुरक्षित रहे, अस्मिता, आत्मसम्मान, कला, संस्कृति, अस्तित्व व इतिहास कायम रहे एवं स्वास्थ्य, शिक्षा के प्रति जागरूकता आदि का व्यापक प्रचार-प्रसार हो । इसी उद्देश्य तथा जन जागृति हेतु यह दिवस मनाया जाता है और आप इस दिवस का विरोध कर भारत देश के करोड़ों आदिवासियों का अपमान कर रहे हो। आप जिस लोकसभा के सदस्य हो जिसके सभापति लोकसभा अध्यक्ष माननीय ओम बिडला जी, छत्तीसगढ़ की राज्यपाल महामहिम अनुसुइया उइके, महाराष्ट्र राज्य के राज्यपाल महामहिम भगत सिंह कोश्यारी, सहित आपकी पार्टी भाजपा के बड़े नेता सड़क एवं परिवहन मंत्री माननीय नितिन गडकरी जी, जनजातीय कार्य मंत्रालय के मंत्री माननीय अर्जुन मुंडा जी मध्य प्रदेश शासन के गृह मंत्री माननीय नरोत्तम मिश्रा जी, जल संसाधन मंत्री माननीय तुलसी सिलावट जी, ऊर्जा मंत्री माननीय प्रद्युमन सिंह तोमर, उद्योग मंत्री माननीय राज्यवर्धन सिंह सहित झारखंड, गुजरात, गोवा, दिल्ली, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, सहित आदि राज्य के मुख्यमंत्रीयों एवं महत्वपूर्ण पदों पर आसीन प्रतिनिधियों द्वारा 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर भारत देश के आदिवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी गई । और आप लोग इसका विरोध कर रहे हो। बधाई और शुभकामनाएं देने वाले इन सभी महानुभावों का हम आदिवासी समुदाय की ओर से धन्यवाद एवं आभार व्यक्त करते हैं । सांसद गजेंद्रसिंह पटेल जी और अन्य विधायक जो विश्व आदिवासी दिवस का विरोध कर रहे हैं आप लोगों को आदिवासी आरक्षित सीट से समाज ने लोकसभा व विधानसभा में इसलिए भेजा है की आप लोकसभा और विधानसभा में आदिवासियों की समस्याओं को रखें। आदिवासियों के संवैधानिक व मानवीय अधिकारों का संरक्षण करें। आदिवासी समुदाय के संपूर्ण विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार हेतु लोकसभा व विधानसभा में योजना बनाकर धरातल पर लागू कराऐं। लेकिन इन मुद्दों की बात करने के बजाय आप तो उनका ही विरोध करने लग गए जिसने आपको लोकसभा व विधानसभा में पहुंचाया है।


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